क्या आप कभी ऐसी किसी स्थिति में फसे हैं, जहाँ आप किसी व्यक्ति, वस्तु, कार्यक्रम इत्यादि को बेहद पसंद करते हों और न चाहते हुए भी शब्दों में अपने विचारों को पूर्णतः व्यक्त नहीं कर पाते। मैंने ये बात अक्सर अपने जीवन के सबसे करीब लोगों क लिए महसूस किया है। अपने बारे में मैं यह निष्कर्ष निकाल सकती हूँ की मुझमें अपने उन सभी विचारों को शब्दों में पिरोने की ना तो बुद्धि-विवेक है, और ना ही क्षमता। शायद इसी नाकामयाबी का कारण भावनाओं को जन्म देता है । एक माँ अपने बच्ची के लिए, शिष्य अपने गुरु के लिए, प्रेमी अपनी प्रेमिका के लिए, नागरिक युद्ध में जाते सिपाहियों के लिए, इत्यादि सब कुछ ऐसे रिश्ते एवं क्षण हैं जो बस महसूस करे जा सकते हैं । इन भावनाओं को शब्दों में पिरोने की क्षमता अमूमन बहुत सिमित लोगों में होती है। हिंदी साहत्य के महान लेखक धर्मवीर भारती ने अपने उपन्यास “गुनाहों का देवता” में चन्दर और सुधा के एक दूसरे के प्रति विचार को जैसे अभिव्यक्त किया है, वह उन्हें एक महान एवं गुणी लेखक बनाता है । किन्तु इस बात पर मुझे कोई दोराहे नहीं है की भारती जी ने जो इन दो किरदारों के लिए महसूस किया होगा और जैसे जिया होगा, उसको कागज़ में वे भी केवल ७०% ला पाए होंगे । क्यूंकि हर लेखक की लेखनी एक अधजल गगरी के सामान है। शब्दों का पानी उस गगरी को कभी तर कर नहीं पाता। और समाज उसी अधजल गगरी से अपनी सूखी पड़ी भावभूमि को छिड़कता है। इसलिए लेखकों, कलाकारों का हमें मशीन से इंसान बनाने में बड़ा योगदान है। अपनी आप बीती से किसी अनजान व्यक्ति की बंजर हो रही आत्मा को भीगा देना एक सराहनीय कार्य है।
मेरे कुछ दिल के करीब लेखक हैं: धर्मवीर भारती मनु भंडारी Anthony Doerr
Hi! My name is Aali Pant and I hail from one of the hilly state of India. If you think my name is a peculiar one, then probably I have met you in some form or another. https://aalipant.com/2019/08/31/whats-in-spoiling-a-name/.
I have always been inclined toward writing and reading. Back in school when I was in 9th grade, I wrote a poem for the local newspaper. It was for the first time that I publicized my skill. Once it got published I got a lot of recognition from my friends, family, and school authorities. That gave me the push to write further.
Later I did my Bachelor of Technology in Civil Engineering, followed by Masters in Geotechnical Engineering, and eventually, I now hold a Ph.D. Having been associated with academia allowed me to be a voracious reader as well as writer, though most of it was technical reading and writing. I felt disconnected from my innate habit and love for writing about random things like philosophy, comedy, experiences, and reviews. Thus, it was only in 2019 that I decided to try being a regular writer and make a blog of my own. I started writing every weekend from then. WEEKEND BLOGBUSTER, as one of my colleague used to call them. Since then I try posting regularly, even if not every weekend but at least once in a month I make sure I do what I like most, and that's writing for my blog.
Lastly, I would like to share the poem I wrote in my 9th grade that gave wind to the spark within me. It is in Hindi so maybe not everyone can understand it, unless you would want me or Google to translate the same.
हार नहीं मानूंगी
अकेली चली थी अकेली चलूंगी,
ज़िन्दगी की राह में मैं कभी ना हारूंगी।
आ जाएं चाहे कितनी भी बाधाएं,
किन्तु जीत हर क्षण मुझे बुलाये।
चाहे कितना भी विष मिले मुझे,
मैं एक दिन अमृत का पान अवश्य करुँगी।
माना की हर दिन के बाद रात है,
किन्तु हर सुबह क साथ सुनहरी धूप भी तो साथ है।
माना की प्रत्येक व्यक्ति प्रतिभाशाली नहीं,
किन्तु वह केवल अवगुणो से अभिशप्त भी तो नही।
काले बादलों में ही मोर नाचता है,
और एक उल्लू है जो की सुनहरी धूप को भी नहीं देख पाता ह।
मैं तो काले बादलों में छुपे सूरज को निकालूँगी खोज,
क्यूंकि बादल तो नहीं,
किन्तू सूरज होता है हर रोज।
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11 Comments
विषय का चयन प्रतीत होता है उतना सोच कर के नहीं किया गया है जितना महसूस कर के। हृदयस्पर्शी लेखनी है और लेखनी के लिए समय निकाल पाना ही आजकल के समय में बहुत कठिन कार्य है। लेखिका को बधाई।
विषय का चयन प्रतीत होता है उतना सोच कर के नहीं किया गया है जितना महसूस कर के। हृदयस्पर्शी लेखनी है और लेखनी के लिए समय निकाल पाना ही आजकल के समय में बहुत कठिन कार्य है। लेखिका को बधाई।
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Dhanyawaad 🙂
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तुमने इन पंक्तियों में सब कुछ के दिया
“क्यूंकि हर लेखक की लेखनी एक अधजल गगरी के सामान है ”
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Tumhe bhi yahi lagta hai?
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बिल्कुल सही लिखा आपने !
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bahut bahut dhanywaad
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How beautifully u have put your thoughts. Aali waiting for ur next blog.
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Thank you shobha 🙂
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भावनाओं को जो शब्दों में पिरो सके और निशब्द को भी व्यक्त कर सके वह लेखकों की प्रतीभा है । वाह बहुत खूब लिखा आपने ।
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Bahut bahut dhanywaad
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Beautifully written.
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