टीवी और विज्ञापनों ने गजब का पागल बना दिया है,
खाते तो असल में हम बस धनिया, मिर्ची, हल्दी हैं,
फिर भी विज्ञापनों के चलते, रसोई में पता नहीं किन-किन मसालों का सैलाब लगा दिया है।
ये सारा मामला गोलम गोल है,
घर को दुकान बना देने में, इन ऐड का ही सारा रोल है।
ये ऐड किसी सुतली बम से कम नहीं,
एक जलाने चलो, तो दूसरा खुद ही कहेगा हम किसी से कम नहीं।
अब उदाहरणतः आप श्री अमिताभ बच्चन के विज्ञापनों को ही देख लें,
बजाज के स्कूटर से हमारा अच्छा काम चल रहा था,
दो जून की रोटी में आदमी छप्पन भोग का स्वाद चख रहा था।
पर एकाएक कौन बनेगा करोड़पति में हमें करोड़पति बना दिया,
अच्छा ख़ासा हम पानी से प्यास बुझाते थे, अब हमें कोल्ड ड्रिंक का आदि बना दिया।
अब घर की तिजोरी तो पहले कभी इतनी बड़ी थी नहीं,
पैसा खो जाने का डर सताने लगा,
रात की नींद, दिन का चैन उड़ने को था ही,
कि श्रीमान का विज्ञापन आईडिया बताने लगा।
पैसे का क्या अचार डालोगे?
अच्छा होगा अगर कल्याण ज्वेलर्स से सोना खरीदलो,
सोने कि चिड़िया होना क्या लगता है, शायद ये सुख पा लोगे!
अब पैसा श्रीमान के सीरियल से मिला था, तो ये बात भी हमने मान ली,
परिवार के हर सदस्य के गले में सोने कि चेन हो, ये बात हमने ठान ली।
अब सोना पहनने वाले परिवार के नखरे बढ़ने लगे,
पहले रिक्शा ऑटो से भी जाना गवारा था,
पर अब हम पर ऊलजलूल गाड़ियों की सवारी के खर्चे पड़ने लगे।
हालात ख़राब होते देख, श्रीमान फिर संकटमोचन बन आये,
मुथूट फाइनेंस में सोना गिरवी रख नकद ले लो, शायद उससे ही घर पर बहार आये।
सारे दस्तावेज़ सजा कर, हम अगले ही दिन पहुंच गए मुथूट ऑफिस,
इधर उधर साइन और सोने की पोटली आगे रख,
हम कर आये खर्चों को कुछ समय के लिए खुदा हाफ़िज़।
अब कुछ दिन तो गाड़ी अच्छी चलने लगी हमारी,
पर पहली ही किश्त देने का जैसे समय निकट आने लगा,
तब एहसास हुआ, ये किश्तें तो हैं और भी बड़ी बिमारी।
टेंशन इतना बढ़ गया, कि हमारे लहलहाते बालों को भी नज़र लगने लगी,
ऋतू वैसे तो सावन की थी, पर हमारे बालों को एकाएक पतझड़ जैसी लगने लगी।
अब हम खुद की ही नज़रों में लगने लगे थे ब्लडीफूल,
तो श्रीमान पुनः हमारे सामने प्रकट हुए और कहा,
ये लो नवरतन तेल, इससे तुम्हे लगेगा ठंडा-ठंडा कूल-कूल।
शीशी हाथ में लिए, अब चम्पी करने की सोचे हम,
शायद नवरतन तेल की गंगा ही कम करेगी हमारे गम।
सिर पर नयी खेती उगेगी, शायद इस बात का ही जोश और उमंग ज्यादा था,
कि ये देखना हम भूल गए, कि शीशी का ढक्कन आधा पहले से ही खुला था।
ले छपाक, कपड़ों पर ही गिर गई खुशबूदार बूंदें,
ये क्या चल रहा है हमारे साथ, आखिर हम कब तक अपने हालात पर आँखें मूंदें?
सफ़ेद कुर्ते को लाल कर दिया,
श्रीमान आपके नवरतन ने अब कपड़ा धोने पर भी बवाल कर दिया।
तो श्रीमान तपाक से बोल पड़े, आप मेरी सलाह पर आस करें,
घड़ी डिटर्जेंट बहुत बढ़िया चीज़ है, आप पहले इस्तेमाल करें फिर विश्वास करें।
बस ऐसे ही करते-करते हम अनाड़ी हो गए,
अच्छी खासी नौकरी छोड़, आज अपना ही सामान बेचकर पंसारी हो गए।
इन तमाम विज्ञापनों ने हमें तो कंगाल कर दिया,
और सलाह देते देते, श्रीमान को हमारे मालामाल कर दिया।
True …we have been just a sample size for them to test their product
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Wow how true aali…we are actually be fooled by this world of ads .
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We true are and that’s what the aim of ads is. Although here I just wanted to write a humorous tale inspired by ads 😀
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जिस अभिनेत्री के पति टकले है, वो लहलहाते बालो के लिए तेल का प्रचार करती है। हा हा हा
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