आज बाज़ार कुछ तंग सा सजा है,
महंगे शहरों में सस्ती जानों का मेला है।
खरीददार बहुत हैं यहाँ इंसान के,
आँसू तो तब आते हैं जब खरीदने के लिए भी चुनना पड़ता है।
Storyteller
आज बाज़ार कुछ तंग सा सजा है,
महंगे शहरों में सस्ती जानों का मेला है।
खरीददार बहुत हैं यहाँ इंसान के,
आँसू तो तब आते हैं जब खरीदने के लिए भी चुनना पड़ता है।